बुरहानपुर । बुरहानपुर विधानसभा में मतदान की तारीख जैसे-जैसे करीब आ रही है । वैसे ही बुरहानपुर में चुनाव शोर तूल पकडता जा रहा है । वही बुरहानपुर विधानसभा के प्रत्याशी गली मोहल्ले शहर गांव एक कर पसीना बहा कर वोट मांगने के लिए मतदाताओं की चौखट पर पहुंच रहे हैं वही स्टार प्रचारक दमखम दिखाने के लिए बुरहानपुर जिले में आना शुरू हो गया है रविवार को एमआईएम पार्टी के प्रत्याशी नफीस मंशा खान की ओर से शहर के इकबाल चौक में आम सभा का आयोजन किया गया । जहां पर 10000 की संख्या में लोग शामिल हुए । सभा को संबोधित करने के लिए एआईएमआईएम लीडर सैयद मोईन नांदेड़ महाराष्ट्र बुरहानपुर पहुंचे । इकबाल चौक की सभा में कहा-एक विधायक की जिम्मेदारी क्या होती है कि वह बुरे वक्त में काम आए, यह वक्त दोबारा नहीं आएगा । यह वक्त कभी नहीं आने वाला। यहां से आपकी एकता का पैगाम पूरे मप्र में जाएगा। बहुत हो चुका है। अब तो होश में आओ। कब तक आंसूओ से रोते रहोगे। जो कौम अपने माजी की गलतियों से सबक नहीं सीखती वह कौम अपने मुस्तकबिल को नहीं संवारती। जो कौम अपने माजी की गलतियों से सबक सीखती है वह आने वाले वक्त में मुस्तकबिल को संवारकर खड़ी रहती है। दानिशमंदी का सुबूत देती है होशमंदी का सुबूत देती है। यह वक्त फिर नहीं आने वाला है। 23 पार्षदों के दिलों में अल्लाह ने समझ दी। उन्होंने हमारा साथ दिया।
एआईएमआईएम के लीडर सैयद मोइन नांदेड़ महाराष्ट्र ने रविवार रात बुरहानपुर के इकबाल चौक में एआईएमआईएम के प्रत्याशी नफीस मंशा खान के समर्थन में आयोजित सभा में कहा- एक विधायक की जिम्मेदारी क्या होती है कि वह बुरे वक्त में काम आए। लोगों को जिन्होंने आपको वोट दिया उनका दर्द समझें। उन्हें हॉस्पिटल पहुंचाएं। सरकार की योजनाएं गरीबों तक पहुंचाएं। यह सब एक विधायक की जिम्मेदारी होती है, लेकिन यह तुम्हारी बीच नहीं आए क्वारेंटाइन होकर बैठ गए। बैठे थे कि नहीं। अरे कोराना में क्वारेंटाइन हुआ था न 17 तारीख को भी क्वारेंटाइन कर दो। दरअसल यह बात वह बुरहानपुर के निर्दलीय विधायक ठाकुर सुुरेंद्र सिंह को लेकर कह रहे थे जो फिलहाल कांग्रेस के प्रत्याशी हैं। इस दौरान एआईएमआईएम के प्रत्याशी नफीस मंशा खान सहित कांग्रेस छोड़कर एआईएमआईएम के साथ आए पार्षद भी मौजूद थे।
इन नेताओं ने भी दिया संबोधन-
इस दौरान अधिवक्ता उबैद शेख ने कहा- 23 पार्षदों ने इस्तीफा दिया फिर कांग्रेस में तीन चार पार्षद कैसे जाकर बैठ गए। इसकी वजह यह है कि हमने 40 साल कांग्रेस में काम किया, लेकिन 2023 में कदम रखा तो हमारे सामने एक ऐसी रोशनी नजर आई जिसका अदाजा नजर नहीं आया कि 2026 में परिसीमन होना है। बुरहानपुर, शाहपुर विधानसभा अलग हो जाएगी उस सूरत में मुस्लिम समाजजन ने चिंता की। अगर 2026 में परिसीमन हुआ बुरहानपुर, शाहपुर की विधानसभा की बात की गई मुस्लिम नहीं रहा तो किस तरीके से विधानसभा बनेगी। आने वाले समय में मुस्लिम विधानसभा बना दी जाए। इसलिए यह सब कवायद हो रही है। मोहम्मद हनीफ ने कहा- इस बार तीन पतंग काटना है। सभी को एक होना है। इससे पहले एक बार एक हुए थे तो हारून सेठ को विधायक बनाया था। दूसरी बार एक हुए तो हमीद काजी विधायक बने थे। अब एक बार फिर एक हो जाओ और नफीस मंशा खान को मौका दो।