बुरहानपुर। विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) के प्रयास से बुरहानपुर क्षेत्रांतर्गत विभिन्न लघु सिंचाई परियोजनाओं की सौगात मिली है। 4 सिंचाई परियोजना के निर्माण पर लगभग 96 करोड़ की राशि व्यय होगी। जिससे कृषि क्षेत्र के किसानों को सिंचाई के लिए एवं पशुधन को पीने हेतु पर्याप्त पानी मिल सकेेगा। परियोजनाओं की मंजूरी से किसानों को सिंचाई सुविधा मिलने के साथ आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी। क्षेत्र के किसानों-ग्रामीणों में हर्ष व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट और जागरूक विधायक श्रीमती अर्चना चिटनिस का आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।
श्रीमती अर्चना चिटनिस ने बताया कि ग्राम खामनी के समीप अमरावती नदी पर अमरावती बैराज-1 (कम काजवे) का निर्माण 4 करोड़ 55 लाख की लागत से किया जाएगा। इससे 260 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी।
इसी प्रकार ग्राम भावसा के समीप अमरावती नदी पर अमरावती बैराज-2 (कम काजवे) का निर्माण 5 करोड़ 33 लाख रूपए की लागत से किया जाएगा। इससे 305 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। उक्त दोनों परियोजनाओं के निर्माण से क्षेत्र में जल भरण के साथ-साथ ग्रामीणों-किसानों को आवागमन में सुगमता भी होगी।
इसी प्रकार ग्राम बसाड़ के समीप बसाड़ सिंचाई परियोजना तालाब का निर्माण 39 करोड़ 97 लाख की लागत से किया जाएगा। 1340 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। वहीं ग्राम उमरदा के समीप उमरदा सिंचाई परियोजना तालाब का निर्माण 46 करोड़ 42 लाख की लागत से किया जाएगा। 1550 हेक्टेयर में सिंचाई होगी। इन सिंचाई परियोजनाओं से बुरहानपुर और नेपानगर विधानसभा क्षेत्र के साथ-साथ बुरहानपुर नगर के भूजलस्तर में वृद्धि होगी।
लंबे समय से उक्त क्षेत्र के किसानों-ग्रामीणों द्वारा सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण की मांग की जा रही थी। अब उक्त सिंचाई परियोजना की साध्यता मिलने से किसानों में हर्ष व्याप्त है। तकनीकी स्वीकृति और वित्तीय रूप से साध्यता की श्रेणी में पाए जाने के बाद सभी सिंचाई परियोजनाओं की डीपीआर जल्द से जल्द तैयार करने हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। जिससे यह परियोजनाएं शीघ्र मूर्तरूप ले सकेंगी। परियोजना के निर्माण से कृषि क्षेत्र में खुशहाली और कृषकों के लिए उक्त योजनाएं वरदान सिद्ध हो सकेंगी। योजनाओं के मूर्तरूप उपरांत क्षेत्र के कृषकों को योजनावार सिंचाई की सुविधा प्राप्त होगी तथा सिंचाई क्षमता में वृद्धि होेगी।