बुरहानपुर जिले के किसानों को केला फसल पर बीमा का लाभ नहीं मिल रहा है। इसे लेकर 6 सितंबर को सैकड़ो की संख्या में किसानों का बड़ा आंदोलन हुआ। कुछ दिन पहले बुरहानपुर में प्रगतिशील किसान संगठन मध्य प्रदेश द्वारा अपनी मांगों को लेकर विशाल धरना प्रदर्शन किया गया था ।
किसानों ने आंदोलन की चेतावनी दी थी। प्रगतिशील किसान संगठन ने जिलेभर के किसानों से की रैली में शामिल होने की अपील की थी।
प्रगतिशील किसान संगठन अध्यक्ष रघुनाथ पाटिल के अनुसार 31 अगस्त को रक्षाबंधन त्यौहार होने के कारण रैली स्थगित कर उसके स्थान पर 6 सितंबर बुधवार सुबह 11 बजे ट्रैक्टर वाहन रैली निकाली गई। यह रैली संजय नगर शिकारपुरा से निकलकर एसडीएम कार्यालय नेहरु पुतले के पास पहुंची। यहां किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया । किसानों कहना है किसानों ने बड़ी विनम्रता के साथ आपको बीमा योजना लागू करने के लिए निवेदन किया साथी चेतावनी दी कि हमारी उचित मांगों को यदि नहीं माना तो हम आगे धरना आंदोलन आदि करेंगे 24 अगस्त 2023 को क्षेत्र के अनेक जागरूक किसान कलेक्टर कार्यालय बुरहानपुर में धरना देकर अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया था । केला फसल कृषि बीमा योजना देश के कई राज्यों में लागू है परंतु हमारे यहां केंद्र में प्रदेश के ही कृषि मंत्री होते हुए मध्य प्रदेश में लागू क्यों नहीं है फसल बीमा योजना लागू करने की मांग को लेकर आक्रोशित किसानों ने आज ट्रैक्टर वाहन रैली के रूप में किसान शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं ।किसान इंद्रासिंह देशमुख ने कहा की आपदा प्रकर्ति के कारण जो किसानों का नुकसान होता है उसका मुआवजा बीमा कंपनिय देती। परंतु वह योजना पिछले चार वर्षों से यहा लागू नही है । वहीं किसानों ने कहा कि यह अंतिम चेतावनी है अन्यथा अगर सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है तो हम चक्का जाम कर उग्र आंदोलन करेंगे जिसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी।
यह है किसानों की मांग-
-बुरहानपुर जिले के किसानों को 2019 से केला फसल का बीमा नहीं किया जा रहा है जबकि पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में किसानों को केला फसल बीमा मिल रहा है। अगस्त से केला फसल का बीमा तुरंत किया जाना चाहिए।
-विगत चार साल से मक्का, कपास समर्थन मूल्य पर सरकार खरीद नहीं रही है इसीलिए खरीब फसल 2023 से समर्थन मूल्य पर किसान की पूर्ण उपज खरीदी जाना चाहिए।
– 2022-23 रबी में किसानों ने चना फसल का बीमा किया है। जिले में बारिश होने से चना फसल खराब हो गई थी जिसकी बीमा क्लेम राशी तुरंत मिलना चाहिए। इसी प्रकार चना बीज उत्पादित किसानों की राशी 2020 से बकाया 99 लाख रुपये आज तक सरकार नहीं दे पाई है, वह भी तुरंत मिलना चाहिए।
– जंगली जानवरों से खड़ी फसल को सूअरों द्वारा नुकसान होने पर नुक्सान भरपाई मिलना चाहिए। केला फसल मंडी शुल्क 1 रुपये प्रति सैकड़ा से घटाकर 0.25 किया जाना चाहिए।
– सहकारी सोसायटी से खाद नगद खरीदी करने वाले किसानों को मिलना चाहिए। रासायनिक खाद मिट्टी परिक्षण केंद्र में ही रासायनिक खाद गुणवत्ता परीक्षण किया जाना चाहिए।
– किसानो की केला वर्गीय फसल आंधी तूफान ओला, पाला, भीषण गर्मी, अत्यधिक ठंड में राज्य शासन द्वारा मिलने वाला मुआवजा आरसी बुक अनुसार प्रति एकड़ 2 लाख रुपये मिलना चाहिए। ( प्रति पौधा 120 x 1800 = 216000 मिलना चाहिए।