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Monday, November 25, 2024
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दंगाइयों और उपद्रवियों की खैर नहीं, ड्रोन से बरसाए जाएंगे आंसू गैस के गोले

सोरिंग ऐरोटेक प्रा.लि.कंपनी के प्रतिनिधि द्वारा हाईटेक ड्रोन का ट्रायल पुलिस लाईन बुरहानपुर में कलेक्टर भव्या मित्तल एवं पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोढा की उपस्थिति में संपन्न किया गया

जिला प्रशासन की पहल हाईटेक ड्रोन का ट्रायल संपन्

बुरहानपुर। जिला प्रशासन बुरहानपुर द्वारा जिले के लिये बाढ़ आपदा फण्ड के माध्यम से हाईटेक ड्रोन का निर्माण करवाया गया है। इसका उद्देश्य आपदा के समय फूड पैकेट, शुद्ध पेयजल, मेडिसीन सहित अन्य आवश्यक सुविधाएं पहुँचाना है तथा जरूरत पड़ने पर यह आंसू गैस छोड़ने में भी सक्षम होगा। वनक्षेत्र अंतर्गत अतिक्रमण जैसी गतिविधियों को रोकने में भी सहायता मिल पायेंगी। सोरिंग ऐरोटेक प्रा.लि.कंपनी के प्रतिनिधि द्वारा हाईटेक ड्रोन का ट्रायल पुलिस लाईन बुरहानपुर में कलेक्टर भव्या मित्तल एवं पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोढा की उपस्थिति में संपन्न किया गया ।

बुरहानपुर शहर ताप्ती नदी के किनारे बसा होने से नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में कई संवेदनशील घाट है, वर्षा काल के दौरान कई क्षेत्र डूब क्षेत्र में आ जाते है। वर्षा ऋतु में नदी में आने वाली बाढ़ एवं आसपास के क्षेत्र की निगरानी एवं राहत व्यवस्था तथा दुर्गम स्थलों पर राहत सामग्री पहुँचाने, आपदा के समय लोगों को आपदा स्थल से दूर करने की सूचना एवं अन्य राहत कार्याे के लिये नयी तकनीक का प्रयोग कर आपदा के समय कई लोगों की जान बचाई जा सकती है। जिसके लिये बहुत समय से एक हाईटेक ड्रोन की आवश्यककता थी। इस उद्देश्य की पूर्ति करते हुए जिला प्रशासन द्वारा हाईटेक ड्रोन निर्मित करवाया गया है। हाईटेक ड्रोन का उपयोग बाढ़ आपदा के अतिरिक्त जिले में कानून व्यवस्था एवं असामाजिक गतिविधियों पर निगरानी के कार्य में लाया जा सकता है।
इसमें ड्रोन के जरिये 250-300 मीटर के दायरे में आंसू गैस के गोले गिराए जा सकते हैं।
इस ड्रोन तकनीक का सभी पुलिस विभाग और जिला प्रशासन के द्वारा जल्द ही इस्तेमाल किया जा सकेगा। जानकारी के मुताबिक किसी भी घटना के दौरान उपद्रवियों को काबू करने और आंसू गैस के गोले छोड़ने के लिए इस ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकेगा। इससे सुरक्षा व्यवस्था में तैनात किए जाने वाले कर्मी सुरक्षित रहेंगे, जिन्हें कई बार भीड़ को नियंत्रित करने के दौरान उनके गुस्से का शिकार होना पड़ता है। यही नहीं ये तकनीक गैर घातक भी है।
किसी भी क्षेत्र में आपदा आने पर उसकी स्थिति का पता लगाने के लिए प्रशासन अब ड्रोन का सहारा लेगा। ड्रोन के माध्यम से वास्तविक स्थिति का पता लगने के बाद प्रशासन आपदा प्रभावित क्षेत्र में बचाव और राहत का कार्य करेगा।जिलों के चिन्हित क्षेत्रों में लोगों की मदद के लिए मोटरबोट, बूड कटर, सेटेलाइट फोन, प्लेगन लाइट व ड्रोन का प्रयोग किया जाएगा। इसके साथ ही आगामी चुनाव में संवेदनशील क्षेत्रों में इस ड्रोन का प्रयोग कर असामाजिक तत्वों पर भी निगरानी की जा सकेगी , इस आधुनिक ड्रोन
की मदद से जंगलों की हो रही कटाई पर भी रोक लगाई जा सकेगी,उच्च क्षमता वाले इस ड्रोन और सैटेलाइट की मदद वन माफियाओं पर लगाम कसी जा सकेगी

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