बुरहानपुर। शहर में 4 अप्रैल को पद्मभूषण पंडित माखनलाल चतुर्वेदी जी की जयंती सशक्त पत्रकार समिति, यूनाइटेड प्रेस ऑर्गेनाइजेशन और राष्ट्र पत्रकार मोर्चा के संयुक्त तत्वाधान में एक निजी होटल में मनाई गई। सर्वप्रथम मां सरस्वती एवं माखनदादा के तेल चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलित किया गया। तत्पश्चात बतौर अतिथि के रूप में शामिल हुए जिला पंचायत सीईओ सृष्टि देशमुख और एसडीएम पल्लवी पुराणिक का सम्मान संस्थाओं के पत्रकारों द्वारा किया गया। कार्यक्रम में आगामी लोकसभा चुनाव का मतदान अधिकतम हो के उद्देश्य से स्वीप एक्टिविटी को भी जोड़ा गया, जिसके बाद पत्रकारों को लोकसभा चुनाव में अधिकतम मतदान करने हेतु जिला पंचायत सीईओ सृष्टि देशमुख द्वारा शपथ भी दिलाई गई। यूनाइटेड प्रेस आर्गेनाइजेशन के प्रदेश अध्यक्ष रिजवान अंसारी ने पत्रकार संगठनों की एक्टिविटी विस्तार से बताई, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के छात्र रहे निलेश महाजन ने माखनलाल चतुर्वेदी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका जन्म मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में बाबई नामक स्थान पर हुआ था। प्राथमिक शिक्षा के बाद घर पर ही उन्होंने संस्कृत, बांग्ला, अंग्रेजी, गुजराती आदि भाषाओं का ज्ञान प्राप्त किया। मात्र 16 वर्ष की आयु में वह शिक्षक बने, माखनलाल चतुर्वेदी (4 अप्रैल 1889-30 जनवरी 1968) भारत के ख्यातिप्राप्त कवि, लेखक और पत्रकार थे जिनकी रचनाएँ अत्यंत लोकप्रिय हुईं। वहीं सशक्त पत्रकार समिति के प्रदेश अध्यक्ष उमेश जंगाले ने अपने उद्बोधन में कहा कि माखनलाल चतुर्वेदी जी सरल भाषा और ओजपूर्ण भावनाओं के अनूठे हिंदी रचनाकार थे। प्रभा और कर्मवीर जैसे प्रतिष्ठत पत्रों के संपादक के रूप में उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ जोरदार प्रचार किया और नई पीढ़ी का आह्वान किया कि वह गुलामी की जंज़ीरों को तोड़ कर बाहर आए। इसके लिये उन्हें अनेक बार ब्रिटिश साम्राज्य का कोपभाजन बनना पड़ा। वे सच्चे देशप्रेमी थे और १९२१-२२ के असहयोग आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लेते हुए जेल भी गए,पत्रकार संजय दुबे ने पत्रकारिता की चुनौती विषय पर अपनी बात रखी। बता दे की पूर्व में हुए प्रदेश स्तरीय पत्रकारों के महासम्मेलन में किसी कारणवश कुछ पत्रकार सम्मान से छूट गए थे, जिनका सम्मान भी किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय पत्रकार मोर्चा के प्रदेश महासचिव तफज्जुल हुसैन मुलायमवाला ने सभी का आभार मानते हुए कहा कि पंडित माखनलाल चतुर्वेदी जी की कविताओं में देशप्रेम के साथ-साथ प्रकृति और प्रेम का भी चित्रण हुआ है, इसलिए वे सच्चे अर्थों में युग-चारण माने जाते हैं। इस दौरान 100 से अधिक पत्रकार कार्यक्रम में मौजूद रहे।