spot_img
Monday, November 25, 2024
spot_imgspot_img
HomeBREAKINGएमआईएम पार्टी के प्रत्याशी नफीस मंशा खान के आगमन पर उमड़ा समर्थकों...

एमआईएम पार्टी के प्रत्याशी नफीस मंशा खान के आगमन पर उमड़ा समर्थकों का सैलाब, हजारों की संख्या में समर्थकों ने किया स्वागत

बुरहानपुर । बुरहानपुर में कांग्रेस पार्टी के टिकट वितरण के बाद बुरहानपुर कांग्रेस नेताओं में लगातार विरोध देखने को मिल रहा है वहीं कांग्रेस के संगठन मंत्री नफीस मंशा खान ने टिकट वितरण से नाराज होकर कांग्रेस पार्टी छोड़ एमआईएम पार्टी का दमन थाम लिया इसके बाद एमआईएम पार्टी ने बुरहानपुर विधानसभा से नफीस मंशा खान को अपना प्रत्याशी घोषित किया। नफीस मंशा खान के एमआईएम प्रत्याशी घोषित होने के बाद औरंगाबाद से बुरहानपुर आगमन हुआ जहां उनका स्वागत करने के 10 हजारों की संख्या में समर्थकों का सैलाब उमड़ा । समर्थकों का शनिवार देर रात्रि में नफीस मंशा खान के आगमन पर शहर में जैसे मेला लगा हो इस तरीके का दृश्य देखने को मिला समर्थकों को सैलाब देखने वालों की आंखें देखते ही रह गई । शनिवार दोपहर एआईएमआईएम के एक नेता इम्तियाज जलील ने एक ट्विट किया। जिसमें कहा गया कि कुछ निर्वाचन क्षेत्रो में 30 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम आबादी होने के बावजूद हमारे धर्मनिरपेक्ष कांग्रेस पार्टी ने मप्र की 230 विधानसभा सीटों में सिर्फ 2 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया। एआईएमआईएम मप्र में चुनाव नहीं लड़ने जा रहा था, लेकिन अब हम लड़ेंगे। कांग्रेस सिर्फ मुस्लिम वोट चाहती है, संसद और विधानसभा में उनका प्रतिनिधित्व नहीं। नफीस मंशा खान ने बुरहानपुर के मुख्य चौराहा इकबाल चौक में भाषण दिया जहां उन्होंने बताया कि बुरहानपुर के पार्षदों के साथ भोपाल में दुर्व्यवहार किया गया। नफीस मंशा खान ने बताया कि चुनाव में बहुत कम टाइम बचा है जहां उन्होंने समर्थकों से गुजारिश की के आप सब लोगों को नफीस मंशा खान बन कर मेहनत करना है अपनी घर की महिलाओं और के लोगों को पतंग का निशान बताना है । और यह चुनाव हमें बहुत सुकून से लड़ना है जोश में होश नहीं खोना है। गौरतलब है कि बुरहानपुर में करीब 1.30 लाख मुस्लिम मतदाता हैं जो एक तरह से निर्णायक की भूमिका में भी होते हैं। अब देखना यह है कि बुरहानपुर विधानसभा की राजनीति किस करवट बैठती है, क्योंकि भाजपा में अर्चना चिटनीस के सामने न सिर्फ ठाकुर सुरेंद्र सिंह शेरा भैया कांग्रेस से उम्मीदवार के बतौर खड़े हैं, बल्कि पूर्व सांसद स्व नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्षवर्धन सिंह चौहान भी एक चुनौती हैं। अब मुस्लिम उम्मीदवार भी मैदान में आ चुका है। अब तक कुल 7 नामांकन जमा हुए हैं। 30 अक्टूबर को नामांकन की आखिरी तारीख है।कांग्रेस के सीनियर पूर्व पार्षद नफीस मंशा खान ने थामा मजलिस का दामन- 2003 की कहानी फिर दोहराने की तैयारी।

spot_img
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img

Most Popular

Recent Comments

error: Content is protected !!