बुरहानपुर। विधानसभा चुनाव जैसे जैसे ही नजदीक आ रहा है सत्ता के गलियारों में हलचल मचाना शुरू हो चुकी है इस बार राजनीतिक दलों को अपने ही पार्टी के लोगों से ज्यादा खतरा लग रहा है कांग्रेस और बीजेपी में प्रत्याशी घोषित होने के बाद दोनों ही पार्टियों में असंतोष चरम सीमा पर है कांग्रेस में जहां निर्दलीय विधायक राय ठाकुर सुरेंद्र सिंह को प्रत्याशी घोषित किया गया उसके बाद उनका विरोध जारी है बुरहानपुर से लेकर भोपाल तक कांग्रेसी थोपे हुए प्रत्याशियों को किसी भी सूरत में स्वीकार करने को तैयार नहीं है तो वहीं भारतीय जनता पार्टी का भी कुछ ऐसा ही हाल है बुरहानपुर विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस को अपना प्रत्याशी बनाकर दोबारा मैदान में उतारा है लेकिन इस बार मामला जरा अलग है भारतीय जनता पार्टी का एक पक्ष पूर्व मंत्री अर्चना चटनी को प्रत्याशी के रूप में स्वीकार नहीं कर रहा है विधानसभा दावेदार की लिस्ट में दो बार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे नंद कुमार सिंह चौहान के पुत्र हर्षवर्धन सिंह चौहान भी शामिल थे लेकिन पार्टी इन्होंने दर किनार कर पूर्व मंत्री को अपना उम्मीदवार बना दिया जिससे भारतीय जनता पार्टी में 20 साल बाद वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो चुकी है और इसी का परिणाम है कि पूर्व सांसद स्वर्गीय नंदकुमार सिंह चौहान के पुत्र हर्षवर्धन सिंह चौहान के हजारों समर्थक उन्हें इस बार विधानसभा चुनाव में उतरने पर अड़े हुए हैं और इसके लिए वह अपने समर्थक को की बात मानकर मैदान में निर्दल के रूप में उतारने का मन बना चुके हैं मामला आर पार का हो चुका है राजनीति में संत कहे जाने वाले स्वर्गीय नंदकुमार सिंह चौहान के लंबे राजनीति के सफर का फायदा उनके पुत्र हर्षवर्धन सिंह चौहान को मिलना तय है खुद हर्षवर्धन सिंह चौहान बताते हैं कि वह राजनीति अपने लिए नहीं बल्कि जनता की सेवा के लिए कर रहे हैं उन्हें सभी समाज सभी समुदायों का समर्थन मिल रहा है हर्षवर्धन सिंह चौहान ने कहा कि मैं जिस समाज में जाता हूं इस समाज का हो जाता हूं यह सब कुछ मैंने मेरे पिता से सीखा है हर कोई मेरे पिता को अपने परिवार मानता था और यही कारण है कि आज शहर का हर परिवार मुझे अपना परिवार मानता है अब जनता ने फैसला कर लिया है तो मैदान में खम ठोक कर उतर गया हूं यह बुरहानपुर की जनता मेरा परिवार है मेरी मालिक है जो मालिक फैसला करेगा मैं सेवक के रूप में उसे स्वीकार करूंगा। हर्षवर्धन सिंह चौहान ने बताया कि दो बार उनके साथ विश्वासघात किया गया है लेकिन आप क्षेत्र की जनता अगर मेरा नेतृत्व चाहती है तो मैं क्षेत्र की जनता के लिए नेतृत्व करूंगा यदि प्रदेश या केंद्र से भी पार्टी के वरिष्ठ जनों से संपर्क होगा तो उनसे भी कह दूंगा की जो जनता चाहती है मैं वही करूंगा रविवार को हर्षवर्धन सिंह चौहान की माता दुर्गेश्वरी नंद कुमार सिंह चौहान ने पुत्र को विजय तिलक लगाकर वरिष्ठ जनों के हवाले कर दिया ऐसा नहीं है कि हर्षवर्धन सिंह चौहान पार्टी के फैसले का अकेले विरोध कर रहे हैं बल्कि उनके साथ भाजपा के कई काद्यावर नेता शामिल है जिसमें पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष विजय गुप्ता, पूर्व नगर निगम अध्यक्ष मनोज तारवाला, नंद कुमार सिंह चौहान के कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले राजू जोशी, के पुत्र राहुल जोशी, रमेश पाटीदार, विनोद पाटिल, युवराज महाजन सहित बुरहानपुर से शाहपुर ग्रामीण क्षेत्र के कई कद्दावर नेता पार्टी के निर्णय के खिलाफ है