spot_img
Monday, November 25, 2024
spot_imgspot_img
Homeबुरहानपुरईदमिलादुन्नबी और हज़रत शाह भिखारी शाह बाबा के उर्स के मौके पर...

ईदमिलादुन्नबी और हज़रत शाह भिखारी शाह बाबा के उर्स के मौके पर उतावली नदी में अदा की गई मगरिब की नमाज, मुल्क की हिफाजत की दुआ के लिए उठे हजारों हाथ

बुरहानपुर की उतावली नदी में ईद मिलादउन्नबी के पर्व पर मगरिब की नमाज अदा की गई। जिसमें हजारों की संख्या में मुस्लिम समाज के लोग नमाज में शामिल हुए। दरअसल हर साल की तरह इस साल भी और पानी होने के कारण पारंपरिक तरीके से मुस्लिम समाज के लोग ईद मिलादुन्नबी के दिन बुरहानपुर आज़ाद नगर से आधा किलोमीटर दूर उतावली नदी में मगरिब की नमाज अदा करने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे हैं । आपको बता दे की यह नमाज ईद मिलादुन्नबी के दिन पढ़ी जाती है जिसमें शामिल होने के लिए कई जिलों से लोग आकर मगरिब की नमाज अदा करते हैं। यह नमाज बुरहानपुर की शाही जामा मस्जिद के शाही इमाम जनाब इकरामुल्लाह सहाब बुखारी की इमामत में पड़ी गई। जिसमें मुल्क की हिफाजत और शांति बनाए रखने के लिए शामिल हुए हजारों की संख्या में नमाज़ियों के हाथ दुआ के लिए उठे। आपको बता दे की 12 दिन पहले इस उतावली नदी में बाढ़ आने से नदी से लगी बस्तियां में पानी घुस गया था जिसके कारण काफी लोगों का नुकसान हुआ था लेकिन 12 दिन बीत जाने के बाद उतावली नदी अपने सामान्य रूप में आ गई परंतु बाढ़ आने से नमाज अदा करने की जगह पूरी तरीके से खराब हो चुकी थी। जिला प्रशासन, ग्राम पंचायत और काफी संख्या में समाजसेवियों ने उतावली नदी में खरवा मिट्टी डालकर पलेन किया गया। जिससे ईद मिलादुन्नबी के दिन मगरिब की नमाज अदा की जा सके। वही जिला प्रशासन उतावली नदी मैं जगह-जगह रेस्क्यू टीम के साथ नजर आए।
शाह निजामुद्दीन भिखारी चिश्ती रेहमतुल्लाह अलैह का 538वां उर्स मुबारक मनाया गया

हजरत शाह निजामुद्दीन भिखारी चिश्ती रेहमतुल्लाह अलैह ने उतावली तट की नूर बलड़ी पर अंतिम सांसें लीं थीं। इसी दिन उनका उर्स मनाया जाता है। उर्स पर उतावली नदी तट पर मगरिब की नमाज पढ़ी जाती है। हजरत शाह भिखारी इस्लाम धर्म का प्रचार करने निकले थे। वह सिंध प्रांत के चिश्ती नगर के रहने वाले थे। पूरे हिंदुस्तान में भ्रमण कर अंतिम दौर में बुरहानपुर आए। उतावली नदी तट पर एकांत में धर्म का प्रचार किया। वह बहुत बड़े सूफी कहलाए। 537 साल पहले उनके उर्स पर मगरिब की नमाज सूखी उतावली नदी में पढ़ने की परंपरा शुरू हुई। उर्स पर देशभर से जायरीन दरगाह पर आते हैं। हालांकि इस बार उतावली नदी का जलस्तर ज्यादा होने से नदी के दोनों ओर जायरीनों ने नमाज अदा की।

spot_img
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img

Most Popular

Recent Comments

error: Content is protected !!