बुरहानपुर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार वर्ष की तीसरी नेशनल लोक अदालत 09 सितम्बर, बुरहानपुर जिला न्यायालय परिसर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इसका शुभारंभ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश आशिता श्रीवास्तव ने मां सरस्वती राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की फोटो पर पुष्प अर्पित एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
लोक अदालत में राजीनामा योग्य लंबित या प्रीलिटिगेशन प्रकरणों का आपसी समझौते से राजीनामा के आधार पर निराकरण किया ।
इस अदालत के फैसला से न तो किसी की जीत होती है और ना ही किसी की हार। जबकि अदालत के फैसला में एक पक्ष की जीत होती है। दूसरे पक्ष की हार होती है। लोक अदालत के फैसला से समाज में भाईचारा बना रहता है। लोक अदालत में दोनों पक्षों की जीत होती है।
सभी के प्रयासों से विभिन्न अदालत में लम्बित मामलों को समझौता के आधार पर निपटाया गया। लोक अदालत में जो समझौते हुए और प्रकरण समाप्त हो सका। प्रतीक स्वरूप दिए पौधे साथ ही अधिवक्ता गण द्वारा न्यायालय परिसर में रक्तदान का भी सिविल आयोजित किया गया जिसमें न्यायाधीश गण अधिवक्ता गण और पक्षकारों ने रक्तदान किया
नेशनल लोक अदालत में समझौता करने वाले दोनों पक्षों को न्यायाधीश गणों ने प्रतीक स्वरूप फलदार और छायदार पौधे वितरित किए। इससे कि पक्षकारों के मन में लोक अदालत की स्मृति को न्याय वृक्ष के रूप में जीवंत रखा जा सके। इस लोक अदालत में न्यायालय में लंबित प्रकरण यथा दीवानी, आपराधिक, चेक बाउंस, मोटर दुर्घटना, क्षतिपूर्ति दावा, पारिवारिक प्रकरण, भूमि अधिग्रहण, विद्युत प्रकरण, श्रम एवं रोजगार बैंक मनी रिकवरी, संपत्तिकर बिजली व जल कर सहित सभी राजीनामा योग्य प्रीलिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण सुलह व समझौते के आधार पर किया गया।
इस बार लोक अदालत में राजीनामा योग्य न्यायालयों से लगभग 1740 प्रकरण तथा प्रीलिटिगेशन के लगभग 7237 प्रकरण रैफर्ड किया गया । इनका निराकरण जिला व तहसील न्यायालय की 12 खण्डपीठ द्वारा किया गया
नेपानगर सिविल न्यायालय में नेशनल लोक अदालत का किया गया आयोजन, राजी खुशी से सुलझे 52 प्रकरण
नेपानगर – नेपानगर के सिविल न्यायालय में शनिवार को एक दिवसीय नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बुरहानपुर के अध्यक्ष एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती अशिता श्रीवास्तव की अध्यक्षता एवं सचिव आशुतोष शुक्ल जी के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुई। सिविल न्यायालय में नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ न्यायाधीश डॉ गौरव गर्ग जी द्वारा सर्वप्रथम महात्मा गांधी जी के फोटो पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया तत्पश्चात न्यायाधीश डॉ गौरव गर्ग के समक्ष राजीनामे योग्य 52 प्रकरणों का निराकरण किया गया।
डॉ. गौरव गर्ग ने बताया हर तीन महीने में लगने वाली लोक अदालत में लंबित प्रकरणों का निराकरण किया जाता है, जिसमे चेक बाउंस, विवाह संबधी विवाद, घरेलू हिंसा, भरणपोषण, चोरी, रजिस्ट्री एवं आपराधिक मामलो में पक्षकारों को समझाइश देकर समझौता होता है। लोक अदालत में राजी खुशी से फैसले लिए जाते है जहाँ लोग कोई मतमुटाव ना रखते हुए समझौता कर अपने घर जाते है। शनिवार को लोक अदालत में 52 प्रकरणों में चेक बाउंस 27, विवाह एवं घरेलू हिंसा संबंधी 07, आपराधिक मामले 18 का निपटान किया गया। इस दौरान पीएलवी एल.एल लौवंशी, महेश शिवहरे, शहज़ाद अली सहित अधिवक्तागण एवं न्यायालय स्टाफ मौजूद रहा।