बुरहानपुर। आज विज्ञान इतनी अधिक तेजी से आगे बढ़ रहा है कि वर्तमान समय मे मनुष्य की ज़रूरत की चीज़ों को भी बदला जा सकता है।इसका प्रमुख कारण आविष्कार ही है। आज मनुष्य अपने कार्यों को आसान बनाने के लिए प्रत्येक क्षेत्र में लगातार आविष्कार करता रहता है। मनुष्य को जैसे ही किसी भी चीज़ की जरूरत महसूस होती है, वह उससे जुड़ी वस्तु का आविष्कार कर देता है। मनुष्य की यही खासियत ही उसे बाकी सभी प्राणियों से हटकर बनाती है। वह अपनी आवश्यकताओं को समझकर उससे जुड़ा आविष्कार कर देता है। देश में पेट्रोल और डीजल के दाम अधिक होने के कारण मनुष्य की जेब पर पड़ रहा है । जिससे परेशान होकर मनुष्य साइकिल चलाने पर मजबूर हो रहा है । ऐसा ही एक कारनामा बुरहानपुर के नईम अख्तर ने कर दिखाया है नईम अख्तर ने अपनी साइकिल को चार्जिंग वाली साइकिल बना दी । उन्होंने बताया कि मुझे अपनी साइकिल को चार्जिंग वाली साइकिल बनानी थी तो मैं अपना दिमाग उसे सुलझाने के तरीके खोजना शुरू कर दिया था ।
आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है
आवश्यकता आविष्कार की जननी यदि आवश्यकता हो तो अविष्कार स्वयं हो जाता है। बुरहानपुर के नियामतपुर के नईम अख्तर अंसारी ने उन्होंने हवा भरने के पंप की मोटर का इस्तेमाल साइकिल बनाने में किया है और यह साइकिल चार्जिंग वाली साइकिल है जो चार्ज होने पर चलती है नईम ने इस पूरी चार्जिंग साइकिल को कबाडे के समान से तैयार किया है जिसका खर्चा लगभग ₹3000 है यह साइकिल बाजार की तुलना में कम दाम पर तैयार हो रही है बाजार में चार्जिंग साइकिल की कीमत 15 से ₹20000 है और यह साइकिल मात्र 3000 में बनकर तैयार हो रही है । नईम अख्तर ने अपने मित्र आसिफ अंसारी की मदद से चार्जिंग वाली साइकिल तैयार कर रही है। नईम ने बताया कि मैंने अपनी साइकिल मैं बैटरी और हवा भरने वाली मशीन लगाई । नईम अख्तर के मित्र आसिफ अंसारी ने बताया कि साइकिल का हब , स्पोक और अन्य चीजों बदल गया इसके बाद उन्होंने बैटरी पर चलने वाली मशीन को लगाया गया। आपको बता दे की आसिफ अंसारी साइकिल रिपेयरिंग का कार्य करते हैं उनकी मदद से नईम अख्तर अंसारी ने अपनी चार्जिंग वाली साइकिल तैयार की।