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Monday, November 25, 2024
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भाजपा सरकार के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन, कलेक्टर का इंतजार करते रहे किसान, अधिकारी के नही आने पर नंदी को सोपा ज्ञापन , प्रशासन को दी चेतावनी

बुरहानपुर । बुरहानपुर में गुरुवार को प्रगतिशील किसान संगठन मध्य प्रदेश द्वारा अपनी मांगों को लेकर विशाल धरना प्रदर्शन किया गया । प्रगतिशील किसान संगठन की ओर से कलेक्टोरेट में आयोजित धरना प्रदर्शन में किसान सुनील महाजन ने बताया कि 3 साल से दूसरे राज्यों में मौसम आधारित बीमा योजना लागू है। केवल मप्र ही ऐसा राज्य है जहां इस योजना का लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है। किसानों द्वारा उत्पादित अनाज समर्थन मूल्य पर खरीदना चाहिए। किसानो पर एक प्रतिशत मंडी टैक्स लगा दिया गया है। किसान चना, मूंग, तुअर का बीज उत्पादन करके सरकार को देता है, लेकिन तीन साल से उसका अनुदान नहीं आया।
केले से बुरहानपुर जिले की अर्थव्यवस्था जुड़ी है। अफसर किसानों का पैसा दबाकर बैठे है। मैं किसानों ने कहा क्या है आज हम केवल धरना आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन अगर प्रदेश सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती तो हम आने वाले दिनों में किसान सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे वहीं किसानों ने चेतावनी दी के आगामी विधानसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार करने का निर्णय भी किसान ले सकते हैं।प्रगतिशील किसान संगठन के संरक्षक शिवकुमार सिंह कुशवाह ने कहा-आज प्रगतिशील किसान संगठन के बैनर तले जिलेभर से केला उत्पादक किसान यहां आए हैं। महाराष्ट्र और अन्य प्रदेशों में मौसम आधारित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू है, लेकिन मप्र में यह लागू नहीं की जा रही है। इससे हर साल किसानों को प्राकृतिक आपदा के कारण लाखों का नुकसान उठाना पड़ रहा है। हाल ही में बुरहानपुर जिले में तीन बार प्राकृतिक आपदा के कारण नुकसान हुआ था। इसका मुआवजा राजस्व विभाग के नियमों के तहत मिलता है जो पर्याप्त नहीं होता। अगर फसल बीमा होता है तो किसान को पूरा लाभ मिलता है। हमारे हक के लिए ही हमें बार बार हाथ जोड़ना पड़ रहे हैं, लेकिन अब हम अपने अधिकार को लेकर सड़कों पर उतरेंगे। 31 अगस्त तक अगर मांग नहीं मानी तो किसान सड़कों पर उतरकर भी आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा 9 अगस्त को भी अफसरों को ज्ञापन दिया गया था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
दरअसल किसानों की मांग है कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को सी-2 प्लस 50 के साथ लाभकारी समर्थन मूल्य बनाया जाए जिसमें सभी कृषि उत्पादित फसलों को राज्य शासन समर्थन मूल्य पर खरीदा जाए। इसमें मक्का, कपास पिछले पांच साल से खरीदा नहीं जा रहा है।-बीज उत्पादक किसानों का चना फसल बीज खरीदे गए किसानो का तीन साल का बकाया तुरंत निपटाया जाए।
-मिट्टी परीक्षण केंद्र में रासायनिक खाद के गुणवत्ता परीक्षण को शामिल किया जाए। केला फसल पर मंडी शुल्क एक रुपए की जगह पाइंट 25 प्रतिशत किया जाए। कलेक्टर परिसर में बैठे किसानों का ज्ञापन लेने जब जिला प्रशासन का अधिकारी नहीं आए तो नाराज होकर किसानों ने यह ज्ञापन कलेक्टर परिसर के मंदिर में नंदी की प्रतिमा को शॉप दिया

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